जिलाधिकारी ने किया तहसील विकासनगर का औचक निरीक्षण,उप जिलाधिकारी को स्थानीय स्तर पर लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने के दिए निर्देश


देहरादून, विकासनगर।
  जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने आज तहसील विकासनगर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने रजिस्ट्रार कार्यालय, एसडीएम कोर्ट, कार्यालय, ई-डिस्टिक सेवा केंद्र का अवलोकन किया। जिलाधिकारी तहसील से पहले ही वाहन रोककर पैदल आम लोगों की तरह तहसील पहुंची।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने तहसील में आने वाले आगंतुकों से तहसील में आने का कारण पूछा इस दौरान कई फरियादियों द्वारा आज तहसील दिवस में अपनी समस्याओं के निस्तारण को लेकर तहसील आने का कारण बताया। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी विकासनगर को तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाली समस्याओं को तहसील स्तर पर ही निस्तारित करने के निर्देश दिए साथ ही विकासनगर तहसील अंतर्गत आने वाले भूमि विवाद, अतिक्रमण, दाखिला खारिज आदि प्रकरणों की जांच कर निस्तारित करने के निर्देश दिए।

 इस दौरान भूमि डिमारर्केशन प्रकरण को लेकर एक महिला फरियादी जिलाधिकारी से मिली उन्होंने जिलाधिकारी से सेंट्रल होपटाउन सेलाकुई में वर्ष 2014 में क्रय की गई अपनी भूमि का डीमारर्केशन कराने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी विकासनगर को मौके पर टीम भेजकर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार विकासनगर को सख्त निर्देश दिए कि तहसील में आने वाले लोगों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए तहसील स्तर पर ही उनकी समस्या को निस्तारण करें। 

जिलाधिकारी ने  सख्त निर्देश देते हुए कहा कि तहसील स्तर की शिकायतें जिलाधिकारी स्तर पर नहीं आनी चाहिए। उन्होंने उप जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि सप्ताह में तीन दिन न्यायालय में लंबित वादों के लिए निकालते हुए वादों के निस्तारण में तेजी लाना सुनिश्चित करें।
निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी विकास नगर विनोद कुमार, सहायक निदेशक सूचना बद्री चंद्र नेगी, तहसीलदार विकासनगर मुकेश रमोला एवं तहसील के अधिकारी,कर्मचारी उपस्थित रहे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य पुलिस कर्मियों का ग्रेड पे 4600 करने तथा निलम्बित पुलिस कर्मियों को तत्काल बहाल करने की मांग की 

उत्तराखण्ड, देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर राज्य के पुलिस कर्मियों का 4600 ग्रेड पे लागू करने तथा निलम्बित पुलिस कर्मियों को तत्काल बहाल करने की मांग की है।

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी के हवाले से बताया गया कि  कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के पुलिस कांस्टेबल वर्ग के कर्मचारियों द्वारा 4600 ग्रेड पे की लम्बे समय से मांग की जा रही है तथा सेवा नियमावली के अनुरूप वर्ष 2013 में पुलिस के इन सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे का लाभ दिया जाना था, परन्तु राज्य सरकार द्वारा ग्रेड पे की समय सीमा को बढ़ाकर 16 वर्ष कर दिया गया। 16 वर्ष की बढी हुई समय सीमा समाप्त होने के उपरान्त भी उन्हें 4600 ग्रेड पे नहीं दिया गया अपितु इस समय सीमा को बढ़ाकर 20 वर्ष कर दिया गया। जिसके उपरान्त पुलिस कर्मियों के परिजनों द्वारा शांतिपूर्ण आन्दोलन का रास्ता अपनाया गया तथा वे लम्बे समय से आन्दोलनरत हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के वित्त विभाग द्वारा आर्थिक बोझ का हवाला देते हुए पुलिस के इन जवानों को एकमुश्त 2-2 लाख रूपये देने सम्बन्धी सिफारिश की गई थी। जिसे मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के मंत्रिमण्डल द्वारा कैबिनेट में मंजूरी दी थी। इसके बावजूद इन पुलिस कर्मियों को यह राशि नहीं मिल पाई जिससे पुलिस कर्मियों के परिजनों में रोश व्याप्त है तथा वे लगातार आन्दोलनरत हैं।  
 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि पुलिस कर्मियों के परिजनों द्वारा चलाये जा रहे आन्दोलन को हिटलरशाही तरीके से कुचला जा रहा है, इसी की परिणति है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा 4600 ग्रेड पे की मांग को लेकर आन्दोलनरत पुलिस कर्मियों के परिजनों का मानसिक उत्पीडन करने की नीयत से विभिन्न जनपदों में कार्यरत तीन पुलिस कर्मियों को निलम्बित किया गया है, जो कि न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग की इस कार्रवाई से विभिन्न जपदों में सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों तथा उनके परिजनों का मानसिक एवं आर्थिक उत्पीडन होने के साथ-साथ उनके मौलिक अधिकारों का भी हनन है। 

पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों की इस प्रकार की कार्यप्रणाली से न केवल प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्डल के फैसले पर सवालिया निशान लगते हैं अपितु पुलिस कर्मियों का मनोबल टूटने के साथ-साथ विभाग की छबि भी धूमिल हुई है।

उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त, राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कई सड़कें बंद


उत्तराखंड। 
प्रदेश के विगत दिनों से जारी भारी बरसात ने कई जगह जन-जीवन अस्त-व्यस्त किया है। जहां राजधानी देहरादून में मंगलवार शाम से लेकर पूरी रात तक रुक रुक कर बारिश होती रही।वहीं लगातार बारिश होने से पहाड़ी क्षेत्रों में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिसके फलस्वरूप बदरीनाथ और केदारनाथ जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 250 से अधिक सड़कें बाधित हो गईं। 

प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद भूस्खलन से नेशनल हाईवे सहित कई सड़कें बंद हो रही हैं। भंडेलीगाड़ में ध्वस्त यमुनोत्री पैदल मार्ग नहीं खुलने के कारण धाम की यात्रा तीसरे दिन भी बंद रही। बड़कोट की एसडीएम ने बताया कि, यात्रा मंगलवार को भी स्थगित कर दी है।

उधर, रविवार देर रात अतिवृष्टि से चमोली जिले के सोनला गांव में मलबा घुस जाने से 28 परिवार खतरे की जद में आ गए। एसडीएम बड़कोट शालिनी नेगी ने बताया कि, लोनिवि ने रास्ता बनाने के लिए एक दिन का समय और मांगा है। इसलिए मंगलवार को भी यात्रा स्थगित कर दी गई है। मंगलवार को रास्ते की स्थिति को देखकर आवाजाही को लेकर फैसला किया जाएगा।

कुमाऊं स्काउट ने पिथौरागढ़ प्रशासन को धारचूला में 17 मकानों से 53 लोगों को सुरक्षित स्थानों पहुंचाने में मदद की। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले कुछ दिनों के दौरान राज्य के पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्रों में अलग अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। देहरादून में रूक-रूककर बारिश होती रही।


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